कश्मीर में नागरिकों की हत्या के लिए सेना के 3 जवान दोषी (लीड-2)
सेना द्वारा की गई एक जांच में उत्तरी कश्मीर के बुमई इलाके में 22 फरवरी को घटी हत्या की घटना के लिए 22 राष्ट्रीय राइफल्स के दो सैनिकों और एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर को दोषी पाया गया है।
यह जांच श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं टुकड़ी के एक ब्रिगेडियर ने की।
प्रशासन ने शुरू में कहा था कि नागरिकों की मौत आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच की गई गोलीबारी में हुई थी। लेकिन स्थानीय नागरिकों का कहना था कि सैनिकों ने नागरिकों की हत्या की थी।
सेना के प्रवक्ता डी.के.कचारी ने एक बयान में कहा, "बारामुला जिले में गत 22 फरवरी को दो नागरिकों की हत्या के मामले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और दो जवानों को दोषी पाया गया है।"
कचारी ने कहा, "दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है। उनके कोर्टमार्शल की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। उनके ऊपर लगाए गए आरोपों के अनुसार उन्हें कारावास की सजा भी दी जा सकती है।"
सोपोर कस्बे के समीप बुमाई गांव में गत 22 फरवरी को राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों द्वारा की गई गोलीबारी में दो नागरिक मारे गए थे। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। बाद में सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच के आदेश दिए थे।
कचारी ने कहा, "यह सजा इस बात को प्रदर्शित करेगी कि सेना में मानवाधिकारों के हनन को नजरअंदाज नहीं किया जाता।"
यह जांच रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीन दिन पहले रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी से मुलाकात की थी।
एंटनी ने उसके बाद भारतीय सेना से 48 घंटे के भीतर एक जांच रिपोर्ट जमा करने को कहा था। भारतीय सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने गुरुवार को भरोसा दिलाया था कि दोषी पाए गए सैनिकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।