गांधी की वस्तुओं को नीलामी से बचाने के लिए कानून बने : इला गांधी
लखनऊ, 20 मार्च (आईएएनएस)। महात्मा गांधी से जुड़ी वस्तुओं की हाल में न्यूयार्क में की गई नीलामी से दुखी महात्मा गांधी की पौत्री व प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी ने कहा कि इस तरह की नीलामी को रोकने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत है।
दक्षिण अफ्रीका के डरबन में रहने वाली वहां की पूर्व सांसद इला गांधी ने कहा कि उनका मिशन गांधी विचार को प्रचारित-प्रसारित करना है।
आईएएनएस के साथ ई-मेल पर दिए एक साक्षात्कार के दौरान जब इला गांधी से पूछा गया कि पिछले दिनों नीलामी के मामले को लेकर उनके मन में कैसी भावना थी तो उन्होंने कहा, "इसे लेकर मैं बहुत परेशान थी।"
इला गांधी ने कहा, "सबसे पहले मेरे दिमाग में बात आई कि लोग गांधी की वस्तुओं का इस्तेमाल अपने को संपन्न बनाने के लिए कर सकते हैं। दूसरी बात मैंने यह महसूस की कि स्मृति चिह्नें की बिक्री अब व्यापार बन चुकी है। परिणामस्वरूप विभिन्न संग्रहालयों से, खासतौर से तीसरी दुनिया के देशों से इस तरह की वस्तुएं चुराई जाएंगी। तीसरी बात यह कि नीलामी ने धोखेबाजों को आकर्षित किया है। ये सारी बातें गांधी की शिक्षाओं के बिल्कुल विपरीत है।"
इला गांधी इस बात पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करतीं कि गांधी की वस्तुएं भारतीय शराब व्यापारी विजय माल्या द्वारा खरीदी गईं, लेकिन उन वस्तुओं को खरीदने के लिए भारतीयों द्वारा पैसे जुटाने की बात से वह सहमत नहीं होतीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।