मुख़्तार माई ने शादी की

मुख़्तार माई के साथ उनके ही गाँव के चार लोगों ने 2002 में उनके 12 साल के भाई पर व्याभिचार के आरोप लगने के बाद सज़ा के तौर पर बलात्कार किया था.
तब उन्होंने अपने ऊपर लगने वाले सभी लांछनों को नज़रअंदाज़ करते हुए बहुत हिम्मत दिखाते हुए बलात्कारियों को सज़ा दिलाने की लड़ाई लड़ी.
तब से मुख़्तार माई अपने देश में महिला अधिकारों की 'चैंपियन' और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जाने वाली शख़्सियत बन गईं.
सामूहिक बलात्कार के संबंध में छह लोगों को ग़िरफ़्तार कर मौत की सज़ा दी गई. अभियुक्तों ने फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की है और कानूनी प्रक्रिया जारी है.
अल्लाह की मर्जी
मुख़्तार माई का कहना है कि वह नहीं जानती थीं कि कभी उनकी शादी होगी लेकिन रविवार को इस्लामाबाद में उनकी शादी पुलिस कांस्टेबल नासिर अब्बास गाबोल के साथ हो गई.
उन्होंने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया, "जब आपकी शादी होती है तब आपको अपने पार्टनर और उनके परिवार में विश्वास करना होता है. मैं उनके साथ सहयोग करने की कोशिश करुँगी."
मुख़्तार माई ने बताया, " मैंने कभी नहीं कहा कि मैं शादी नहीं करुँगी. मैंने कहा था कि ये चीज़ें अल्लाह के हाथ में है. मैंने कहा था कि यदि मुझे अच्छा आदमी मिला तो मैं शादी कर लूँगी."
मुख़्तार नासिर अब्बास गाबोल की दूसरी पत्नी हैं. मीरवाला में एक सादे समारोह में यह शादी हुई.
वर्ष 2002 में बालात्कार के बाद नासिर उनके गाँव की पुलिस चौकी पर तैनात थे, तब मुख़्तार उनसे पहली बार मिली थीं.
मैंने कभी नहीं कहा कि मैं शादी नहीं करुँगी. मैंने कहा था कि ये चीज़ें अल्लाह के हाथ में है. मैंने कहा था कि यदि मुझे अच्छा आदमी मिला तो मैं शादी कर लूँगी मुख़्तार माई
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मुख़्तार माई ने बीबीसी की उर्दू सेवा को बताया, " 18 महीने पहले उन्होंने अपने माँ-बाप को मेरे पास यह पूछने भेजा था कि क्या मैं उनसे शादी करुँगी. लेकिन चूँकि वे पहले से शादी-शुदा थे, मैं उनकी पत्नी की ज़िदगी को बर्बाद नहीं करना चाहती थी, इसलिए मैंने मना कर दिया था."
मुख़्तार माई ने बताया कि इसके बाद नासिर ने अपनी पहली पत्नी को तलाक़ देने की धमकी दी. उन्होंने आत्महत्या के प्रयास भी किए.
नासिर की बहनों की शादी उनकी पहली पत्नी के परिवार में हुई है. उन्होंने नासिर को धमकी दी कि यदि उन्होंने अपनी पत्नी को तलाक़ दिया तो उनकी बहनों को भी तलाक़ दे दिया जाएगा.
इसके बाद नासिर की पत्नी और बहनों ने मुख़्तार माई से आग्रह किया कि वो नासिर से शादी कर लें.
मुख़्तार माई ने बताया, "इस वजह से मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखते हुए मैंने शादी की. खुद की वजह से मैं तीन परिवारों को तोड़ना नहीं चाहती थी."
लोकप्रिय
बलात्कार के बाद उन्होंने एक आत्मकथा लिखी जो ख़ासी लोकप्रिय हुई. इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान में एक स्कूल और संकटग्रस्त महिलाओं के कई सहायता केंद्र खोले हैं.
मुख़्तार माई को ग्राम पंचायत के कथित आदेश पर हुए अपने बलात्कार के विरोध में मुखर होने पर व्यापक रूप से अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला.
मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखते हुए मैंने शादी की. खुद की वजह से मैं तीन परिवारों को तोड़ना नहीं चाहती थी मुख़्तार माई
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फिर 2005 में उन्हें वाशिंगटन में हुए एक समारोह में ग्लैमर पत्रिका ने 'वोमेन ऑफ़ द ईयर' का सम्मान प्रदान किया.
इस पुरस्कार में "बढ़ती हिंसा के बावजूद अदम्य साहस और सकारात्मकता" के लिए मुख़्तार माई की प्रशंसा की गई.
पाकिस्तान की न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था के आलोचकों ने कहा कि मुख़्तार माई का मामला ख़ासतौर पर सामंती और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ भयानक व्यवहार किए जाने का एक उदाहरण है.
आरोप है कि उनके बलात्कार का आदेश उनके गाँव की पंचायत ने उनके भाई के आपत्तिजनक व्यवहार के आरोपों की सज़ा के तौर पर दिया था.
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