कांग्रेस ने मुझे गंभीरता से नहीं लिया : पासवान
नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कांग्रेस पर उन्हें गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने कांग्रेस को हिदायत दी थी कि वह उन्हें नजरअंदाज न करे लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया।
पासवान ने आईएएनएस से एक खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस द्वारा 'धोखा' दिए जाने का आरोप लगाए जाने के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि बुधवार को जब कैबिनेट की बैठक होगी तो वे कांग्रेस नेताओं से आक्रामक अंदाज में मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लोजपा ने कांग्रेस ने तीन सीटें छोड़ी है। इससे नाराज होकर कांग्रेस ने दोनों दलों पर धोखा देने का आरोप लगाया था।
पासवान ने कहा कि कांग्रेस चाहती थी कि वह पहले राजद मुखिया लालू यादव के साथ सीटों का तालमेल कर ले। उन्होंने मुझे नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, "मैंने कांग्रेस से पूछा भी आपने इस बारे में मुझसे क्यों नहीं बात की।"
उन्होंने कहा, "मेरे बार-बार के आग्रह के बाद भी कांग्रेस बातचीत के लिए नहीं सामने नहीं आई। उन्होंने मुझे गंभीरता से नहीं लिया। ऐसा हो गया होता तो कांग्रेस को यह आरोप लगाने का मौका ही नही मिलता।"
बहरहाल, पासवान कहते हैं कि अब और उनके और कांग्रेस के बीच किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि सीटों के तालमेल के कारण ऐसा नहीं है कि उनके और कांग्रेस नेताओं के बीच दूरियां बढ़ गई है।
पासवान को विश्वास है कि बिहार में यदि संप्रग एकजुट होकर लड़ा तो उसके अच्छे परिणाम आएंगे और केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में ही अगली सरकार बनेगी।
खुद को प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वश्रेष्ठ दलित उम्मीदवार बताने वाले पासवान ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, "राजनीति में यदि कोई प्रधानमंत्री बनने की इच्छा नहीं रखता हो तो उसे राजनीति को तिलांजलि दे देनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि मायावती के दलित प्रधानमंत्री होने के दावे पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही थी।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री उसी पार्टी का होना चाहिए जिसके पास सबसे अधिक संख्या बल हो। ऐसा नहीं है तो फिर सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना जाना चाहिए। दलित मोर्चे की ओर से मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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