मुद्रास्फीति दर में ऐतिहासिक गिरावट, 0.44 फीसदी हुई (राउंडअप)
थोक मूल्य सूचकांक के बारे में उद्योग मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मुद्रास्फीति में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इस दौरान प्राथमिक वस्तुओं के सूचकांक में एक फीसदी और ईंधन सूचकांक में 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। विनिर्मित वस्तुओं के सूचकांक में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मुद्रास्फीति की दर कम होने का अर्थ दाम घटने से नहीं है। मुद्रास्फीति की दर घटने का एकमात्र अर्थ मूल्यों में वृद्धि की दर में कमी आना है न कि वास्तविक मूल्यों में।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के प्रधान अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने कहा पिछले वर्ष उच्च आधार की वजह से मुद्रास्फीति में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, "मूल्यों के कम नहीं होने पर भी मुद्रास्फीति की दर गिरेगी। मुद्रास्फीति में अभी 2 से 3 फीसदी की और गिरावट आ सकती है लेकिन यह अस्थायी होगी।"
नेशनल काउंसिल आफ अप्लाइड इकनोमिक्स रिसर्च के प्रोजेक्ट प्रमुख दिलीप कुमार ने कहा कि विभिन्न कारकों की वजह से कृषि उत्पादन में आई गिरावट के कारण खाद्य पदार्थो की मुद्रास्फीति की दर अब भी उच्च स्तर पर है। यही वजह है कि खाद्य पदार्थो के मूल्यों में गिरावट नहीं आ रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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