चुनाव आयोग ने वरुण व भाजपा से शुक्रवार तक जवाब मांगा (राउंडअप)
इस बीच वरुण गांधी का कहना है कि वह गांधी, हिंदू और एक भारतीय हैं और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिस सीडी में उन्हें भड़काऊ भाषण देते दिखाया गया है उसमें छेड़छाड़ की गई है। उधर भाजपा ने वरुण के हवाले से आ रही वैमनस्य भड़काने वाली खबरों से खुद को अलग कर लिया।
चुनाव आयोग ने वरुण गांधी, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख रमापति राम को नोटिस जारी कर पूछा है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन क्यों किया गया।
आयोग ने नोटिस का जवाब 20 मार्च तक देने को कहा है। आयोग ने कहा कि अगर 20 मार्च तक जवाब नहीं मिलता तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग के निर्देश पर पीलीभीत के जिलाधिकारी महेन्द्र अग्रवाल और पुलिस प्रमुख आर.के. चतुर्वेदी का तबादला कर दिया गया है। दूसरी ओर पीलीभीत के अपर जिलाधिकारी एस.एस. कमाल और अपर पुलिस अधीक्षक कुशहर सौरभ निलंबित कर दिए गए हैं।
आयोग ने माना है कि भाजपा प्रत्याशी वरूण गांधी के भड़काऊ भाषण मामले में इन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेवारियों का निर्वाह सही ढंग से नहीं किया।
लखनऊ स्थित राज्य चुनाव आयोग के उप मुख्य चुनाव अधिकारी अमृत अभिजीत ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी वरुण गांधी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भारतीय दंड विधान की धारा 505 (2) और 295 भी जोड़ी जाए। उनके खिलाफ दंड विधान की धारा-153 (ए) और 188 तथा जनप्रतिनिधि कानून की धारा-125 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
आयोग ने इसके साथ ही वरुण गांधी की सभी रैलियों की वीडियो ट्रैकिंग करने को कहा है। इसके लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक वीडियो कैमरामैन और उसके साथ मजिस्ट्रेट को नियुक्त करना होगा, जो गांधी की सभी रैलियों में मौजूद रहेंगे।
आयोग ने मंगलावर को उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को वरुण गांधी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
उधर वरुण गांधी ने संवाददाताओं के समक्ष एक लिखित बयान पढ़ते हुए कहा, "मुझे अपने धर्म पर गर्व है और मैं इसके लिए माफी नहीं मागूंगा।" महज एक दिन पहले ही वरुण के खिलाफ कथित तौर पर वैमनस्य फैलाने वाले कथित भाषण देने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
वरुण ने कहा, " मैं समान रूप से 'गांधी, हिंदू और एक भारतीय' हूं। मेरी कोशिश किसी समुदाय के खिलाफ दुर्भावना फैलाने की बिल्कुल नहीं थी और मैं सभी धर्मो और पंथों का समर्थन करता हूं।"
अपनी मां मेनका गांधी के सरकारी आवास के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हूं। सीडी में मेरे शब्द नहीं हैं और वह आवाज भी मेरी नहीं है। मैं पूरे देश से कहना चाहता हूं कि मेरा साथ दें।"
वरुण ने कहा कि वह भारत समर्थक हैं और किसी के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश एक समुदाय विशेष में विश्वास बहाल करने की थी।
उन्होंने पीलीभीत का हवाला देते हुए कहा कि यह संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है और यहां हथियारों की तस्करी की व्यापक आशंका रहती है।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को वरुण के खिलाऊ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया तो वरुण ने कहा कि वह पार्टी के उचित मंच पर हर मसले पर स्पष्टीकरण देंगे। लेकिन ऐसा मेनका के आवास के बाहर किया गया।
सूत्रों के अनुसार वरुण ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से चर्चा के बाद मेनका के आवास के बाहर संवाददाता सम्मेलन करने का फैसला किया।
उधर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार वरुण गांधी के कथित सांप्रदायिक भाषण और उनके माफी नहीं मांगने वाले रुख की आलोचना करते हुए कहा है कि राजनीति में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए।
सिब्बल ने कहा कि वरुण को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके अपराध को गैर जमानती माना जाना चाहिए।
सिब्बल ने सीएनएन-आईबीएन को दिए साक्षात्कार में कहा, "भारतीय राजनीति में वरुण गांधी जैसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।