शिवराज के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों का विधानसभा से बहिर्गमन (लीड-1)
लेखानुदान मांगों पर चर्चा के दौरान चौहान ने प्रदेश की बिजली की स्थिति का ब्यौरा दिया। साथ ही बिगड़े हालातों के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने काह कि एक तरफ बारिश कम होने के कारण पानी से बिजली पैदा करने का काम बुरी तरह प्रभावित है तो दूसरी ओर केन्द्र पक्षपात कर रही है। जरूरत का कोयला नहीं दिया जा रहा है वहीं प्रदेश को केन्द्र से मिलने वाली बिजली में भी कटौती की गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा बिजली पर वक्तव्य दिए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने सख्त नाराजगी जताई। विधायकों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सदन में बिजली के मुद्दे पर चर्चा कराने से कतराती रही है और मुख्यमंत्री बिजली पर ही अपना पक्ष रख रहे हैं। कांग्रेस विधायकों ने परंपराओं के विपरीत सदन की कार्यवाही चलाने का आरोप लगाते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने सदन में बताया कि वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, ऊर्जा मंत्री और कोयला मंत्री को प्रदेश की बिजली स्थिति से अवगत करा चुके हैं। इसके बावजूद केन्द्र सरकार प्रदेश की जरूरतों को पूरा करने को तैयार नहीं है। वहीं कांग्रेस के नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बिजली और कोयले के मुद्दे पर चर्चा करने की बजाए राजनीति कर रही है। मुख्यमंत्री की पदयात्रा और कोयला सत्याग्रह को उन्होंने महज नौटंकी करार दिया।
इससे पूर्व प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस विधायकों ने मांग की थी कि प्रदेश में गहराए बिजली संकट पर चर्चा हो। ऐसा न होने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन में मोमबत्तियां दिखाते हुए नारेबाजी की और अध्यक्ष के आसान के करीब पहुंचकर उन्हें मोमबत्तियां भी सौंपी।
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बिजली संकट पर चर्चा करने से कतरा रही है क्योंकि ऐसा होने से प्रदेश सरकार का चेहरा बेनकाब होगा और जनता बिजली संकट की सही वजह जान जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि यही सारे कारण है जिसके चलते बिजली के मुद्दे पर एक भी ध्यानाकर्षण को स्थान नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ मंत्री लाल बत्ती की गाड़ी में घूम रहे है तो दूसरी ओर किसानों को मोमबत्ती में वक्त काटना पड़ रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।