फिर गहराया जेटली-राजनाथ विवाद
विवाद से सबसे ज्यादा परेशार पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार लाल कृष्ण आडवाणी हैं, जो बार-बार मीडिया से कहते फिर रहे हैं कि भाजपा में कोई अंतर-विरोध या कलह नहीं है। उन्होंने दोनों को बार-बार मनाने की कोशिशें भी कीं।
राजनाथ और जेटली के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को चुनावी बैठक में शामिल होने से साफ इंकार करने वाले जेटली सोमवार को भी कमेटी की बैठक से नदारद थे।
उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सुधांशु मित्तल से राय-मश्विरा करने के बाद असम से 7 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी।
संघ
भी
मनाने
आया
भाजपा
की
अंतर-कलह
को
सुलझाने
के
लिए
संघ
परिवार
ने
भी
प्रयास
शुरू
कर
दिये
हैं।
सुधांशु के नए रोल से खफा जेटली चुनाव समितियों की बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं। राजनाथ द्वारा जेटली की नामौजूदगी में सीटों पर निर्णय लेने से जेटली की नाराजगी बढ़नी तय है। जेटली बनाम राजनाथ की इस दरार को पाटने के लिये अब संघ भी उतर आया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक संघ परिवार के वरिष्ठ नेता दोनों नेताओं से इस संबंध में मिले।
इससे पहले रविवार को दोनों नेता पार्टी के एक कार्यक्रम में साथ दिखे थे। बाद में आडवाणी ने यह दावा किया था कि उनके नेताओं के बीच कोई विवाद नहीं है।