राजनीतिक दलों के चहेते बन गए हैं झुग्गी बस्तियों के बाशिंदे
बेंगलुरु, 16 मार्च (आईएएनएस)। झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोग एकाएक राजनीतिक दलों के बहुत चहेते बन गए हैं जो उन्हें पैसे देकर अपनी चुनावी रैलियों का हिस्सा बनाते हैं और उनके मतों की कीमत चुकाकर अपनी जीत की बुनियाद भी पक्की करते हैं।
बेंगलुरू के आस-पास की लगभग 800 झुग्गी बस्तियों में 600,000 से अधिक लोग रहते हैं। एक रैली में शिरकत करने के लिए इन लोगों को 150-200 रुपये और एक मत के बदले 500-600 रुपये अदा किए जाते हैं।
'स्लम जनांदोलन कर्नाटक' (एसजेके) के संयोजक इस्साक अरुल सेल्वा का कहना है, "सभी राजनीति दलों की यह परंपरा है। वे मत हासिल करने के लिए झुग्गी बस्ती में रहने वालों की मुट्ठी गर्म करते हैं। ऐसे में ये निरक्षर मतदाता गलत उम्मीदवारों का चुनाव कर लेते हैं।"
ब्रुहट बेंगलुरू महानगरपालिका के आंकड़े के मुताबिक शहर में झुग्गी बस्तियों में रहने वालों की संख्या 600,000 है। वर्ष 2010 में यह10 लाख हो जाएगी।
शहर के अंबेडकर नगर झुग्गी बस्ती में रहने वाले संजय प्रसाद ने बताया, "पिछले वर्ष के विधानसभा चुनाव में मैंने उस उम्मीदवार को मत दिया था जिसने मुझे 1,500 रुपये दिया था।" उनकी पत्नी मंजुला भी कहती हैं कि वह पैसे देने वाले प्रत्याश्ी को अपना मत देती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।