न्यायाधीशों की बहाली के बाद पाकिस्तान में जश्न, लांग मार्च वापस (लीड-5)

By Staff
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सरकार के इस निर्णय के साथ ही विपक्षी नेता नवाज शरीफ ने लांग मार्च वापस ले लिया। लांग मार्च के कारण पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति पैदा हो गई थी।

प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "21 मार्च को अब्दुल हामिद डोगर के पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश होंगे।"

गिलानी ने कहा, "इसके अलावा वर्ष 2007 में बर्खास्त किए गए अन्य सभी न्यायाधीश भी बहाल होंगे।"

अधिकारियों ने यहां कहा कि यह फैसला राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री गिलानी और सेना प्रमुख कयानी के बीच तड़के हुई एक बैठक के दौरान किया गया।

इस फैसले से नवाज शरीफ को तत्काल अवगत कराया गया। उसके बाद उन्होंने लांग मार्च वापस लेने की घोषणा की।

दिन चढ़ने के साथ ही लांग मार्च इस्लामाबाद में विजय जुलूस के रूप में परिवर्तित हो गया। अन्य शहरों व कस्बों में भी जीत का जश्न मनाया गया।

भारत की ओर से इस घटना पर सधी हुई टिप्पणी की गई।

विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, "यह पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण घरेलू मामला है, लेकिन यह वहां की लोकतांत्रिक सरकार के हित में है। हम उम्मीद करते हैं कि वहां व्याप्त आंतरिक कलह का अंत होगा।"

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने चौधरी सहित सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के 60 न्यायाधीशों को उस समय बर्खास्त कर दिया था, जब न्यायाधीशों ने प्रोविजनल कांस्टीट्यूशनल आर्डर (पीसीओ) के तहत फिर से शपथ लेने से इंकार कर दिया था। मुशर्रफ ने 3 नवंबर 2007 को आपातकाल के साथ इस व्यवस्था को जन्म दिया था। चौधरी की बर्खास्तगी से मुशर्रफ के खिलाफ जनांदोलन भड़क उठा था और इसकी परिणति आम चुनावों में उनके राजनीतिक सहयोगियों की हार में हुई थी।

गिलानी ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों इस महत्वपूर्ण मुकाम पर हम सुलह की राजनीति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं।"

उन्होंने अपने संदेश में अदालत के उस फैसले को भी पलटने का संकेत दिया, जिसमें शरीफ बंधुओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई थी और पंजाब सूबे की सरकार की बर्खास्तगी का आदेश दिया गया था।

गिलानी ने सोमवार को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने के आदेश भी दिए और जनसभाओं पर लगा प्रतिबंध हटा लिया। गिलानी ने कहा, "आइए हम सभी मिलकर इस ऐतिहासिक लम्हे को गौरवपूर्ण ढंग से मनाएं।"

गिलानी ने कहा, "हमारी स्वर्गीय नेता बेनजीर भुट्टो ने प्रधान न्यायाधीश की बहाली का वादा किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने भी यही वादा किया था।"

पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त किए गए पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश चौधरी शनिवार को देश के वर्तमान प्रधान न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होते ही पदभार ग्रहण कर लेंगे।

राजधानी में चौधरी के सरकारी आवास पर खुशी से भरे लोगों की भीड़ जुट गई। वे लोग मिठाइयां बांट रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे।

सोमवार को सरकार ने शरीफ बंधुओं को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक याचिका दायर की।

लाहौर से रविवार को प्रारंभ हुए प्रदर्शन की वजह से पाकिस्तान में अशांति पैदा होने का खतरा उत्पन्न हो गया था। पाकिस्तान के बिगड़ते अंदरूनी हालात से चिंतित अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने स्थिति सुधारने के लिए हस्तक्षेप किया।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने रविवार को गिलानी और जरदारी से भेंट कर कथित तौर पर दोनों नेताओं पर देश में अस्थिरता टालने के लिए समझौता करने पर दबाव बनाया।

गिलानी की कैबिनेट के सदस्य नबील गबूल ने इस राहत का श्रेय अमेरिका, आर्मी और अल्लाह को दिया।

अमेरिका ने चौधरी की बहाली का स्वागत किया है। इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब वक्त आ गया है जब सभी पाकिस्तानियों को और उनके राजनीतिक प्रतिनिधियों को एकजुट होकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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