माकपा ने कहा, उसके हस्तक्षेप से धराशायी होने से बचे वित्तीय सेक्टर
राजधानी में पार्टी घोषणापत्र जारी करते हुए माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार अपने रास्ते पर चलती तो बीमा और पेंशन योजनाओं में निवेश की गई जनता की मेहनत की कमाई शेयर बाजर में डूब गई होती।
संवाददाता सम्मेलन में करात ने कहा, "हमारे कारण ही कोई निजी बैंक धराशायी नहीं हुआ।" उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में 74 फीसदी और बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश के प्रस्ताव को रोके जाने के कारण हुआ।
करात ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार चाहती थी कि बीमा व पेंशन कंपनियों अपना कुछ धन शेयर बाजार में निवेश करें। यदि ऐसा होता तो वह धन आज धुंआ में उड़ गया होता।
करात ने कहा कि वित्तीय सेक्टर को बचाने, अर्थव्यवस्था को बचाने और लाखों लोगों की नौकरी और पेशा को बचाने के लिए उन्होंने ये कोशिशें की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।