'एएसएमएस, ई-मेल से नहीं होगा तलाक '

By Staff
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chand fiza
नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद द्वारा फोन और एसएमएस के जरिये पत्नी फिजा को तलाक देने को लेकर यह बहस एक बार फिर ताजा हो उठी कि आधुनिक संचार माध्यमों से तलाक इस्लाम के नजरिए से सही है या नहीं। ज्यादातर इस्लामी विद्वान इससे इत्तेफाक नहीं रखते।

फिजा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया, "चांद ने शुक्रवार रात मुझे फोन किया और तीन बार 'तलाक' कहा। उन्होंने एसएमएस के जरिए भी मुझे तलाक दिया।"

देश में मुस्लिम महिलाओं के बीच शादी और तलाक को लेकर हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि वर्ष 2008 में कम से कम 15 तलाक एसएमएस के जरिए दिए गए। यह सर्वेक्षण जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यायक के 'दलित व अल्पसंख्यक केंद्र' की ओर से किया गया।

जामिया में इस्लामिक विभाग के प्रमुख अख्तरुल वासे का कहना है, "इस्लाम में एसएमएस या ई-मेल से तलाक देने का कोई प्रवधान नहीं है और इस तरह से तलाक गैर इस्लामी है।"

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने आईएएनएस से कहा कि फोन, एसएमएस या फिर ई-मेल से तलाक पूरी तरह अनैतिक और गैर इस्लामी है।

उन्होंने कहा, "कुरान में निकाह और तलाक दोनों का सही ढंग से जिक्र है। इन दोनों मौकों पर दोनों पक्षों से गवाह का होना जरूरी है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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