अल्पमत में आयी मेघालय सरकार
स्वास्थ्य मंत्री, पिछले चार दिनों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा)-एमपीए गठबंधन सरकार से इस्तीफा देने वाले चौथे विधायक हैं। इसके साथ ही 60 सदस्यीय सदन में एमपीए सदस्यों की संख्या घटकर 29 रह गई है जबकि कांग्रेस ने 31 विधायकों का समर्थन मिलने का दावा किया है।
मुख्यमंत्री दोनकुपर रॉय ने हालांकि आईएएनएस से बातचीत में कहा है, "सरकार को कोई खतरा नहीं है और हम सोमवार को विधानसभा की बैठक में अपना बहुमत साबित करेंगे।"
शहरी मामलों के मंत्री पॉल लिंगदोह ने अपना इस्तीफा बुधवार को सौंपा था। जबकि दो निर्दलीय विधायकों लिमिसन संगमा और इस्माइल आर. मराक ने नौ मार्च को हाथ खींच लिया था।
इन चारों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यो में कमी को अपने इस्तीफे की वजह बताया है। इसबीच नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कांग्रेस में गहन मंत्रणा जारी है। एमपीए के पास इस समय 29 विधायकों का समर्थन है।
चार विधायकों के एमपीए से नाता तोड़कर कांग्रेस के खेमे में चले जाने से उसके विधायकों की संख्या 27 से बढ़कर 31 हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता डी डी लपांग ने कहा है, "हम घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं और हम जल्द ही कदम उठाएंगे।"
लपांग ने मार्च 2008 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन 10 दिन बाद विश्वास मत से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
मेघालय में वर्ष 1998 से 2003 में पांच वर्षो के बीच राज्य में छह गठबंधन सरकारें बनीं । जिनकी वजह से राज्य में चार मुख्यमंत्री बने। मेघालय के 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के बाद से केवल दो ही मौकों पर मुख्यमंत्री अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर सके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।