नए अवसर मुहैया कराएगा भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता (लीड-1)
वाशिंगटन, 12 मार्च (आईएएनएस)। भारत और अमेरिका के बीच गत वर्ष हुए असैन्य परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता के बाद भारत के लिए नई प्रौद्योगिकी के द्वार तो खुलेंगे ही साथ ही अमेरिकी कंपनियों को भी 100 अरब डॉलर का रोजगार मिलेगा।
ओबामा प्रशासन के साथ तीन दिन की गहन बातचीत के बाद भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मुझे आश्वस्त किया गया कि इस समझौते को आगे बढ़ाया जाएगा।"
मेनन ने इस बात को खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए यह मुद्दा इतना महत्व नहीं रखता जितना पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जार्ज बुश के लिए रखता था। उन्होंने कहा, "असैन्य परमाणु समझौते को दोनों दलों का समर्थन प्राप्त था और वह डेमाक्रेट बहुल कांग्रेस में पारित होने वाला ऐसा समझौता था जिसे रिपब्लिकन प्रशासन ने आगे बढ़ाया था। यही उसकी ताकत है।"
मेनन ने इस समझौते के बारे में विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और राजनीतिक मामलों के अवर मंत्री विलियम बर्न्स के साथ बातचीत की थी।
भारत में निवेश कर रही 300 बड़ी अमेरिकी कंपनियों वाली भारत-अमेरिका व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के प्रमुख सदस्यों ने हाल ही में भारत की यात्रा की थी। इनमें 30 विश्वस्तरीय कंपनियों के 60 वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
एक बार व्यापार शुरू हो जाने के बाद अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझीदारी का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इससे भारत की घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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