प्रधानमंत्री ने पाक की स्थिति पर मंत्रिमंडलीय समिति में चर्चा की (लीड-1)
सात सप्ताह पहले बाइपास सर्जरी कराने के बाद प्रधानमंत्री ने पहली बार सीसीएस की बैठक की अध्यक्षता की। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और गृहमंत्री पी. चिदंबरम बैठक में उपस्थित थे।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार बैठक में पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता के सुरक्षा हालातों पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की गई। बैठक में पाकिस्तान और उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत के तालिबान के साथ किए गए समझौतों की भी समीक्षा हुई, क्योंकि इन समझौतों के भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ है, खासकर पड़ोसी देश से संचालित सीमा पार आतंकवाद को देखते हुए।
सीसीएस की बैठक के बाद विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, "पाकिस्तान में घटित हो रही घटनाएं उसका आंतरिक मामला है। हम किसी भी संप्रभु देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करते।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है। मुझे उम्मीद है कि उसके सभी आंतरिक मामले उसके नेताओं द्वारा अपने देश के हित में सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूवर्क ढंग से हल किए जाएंगे।"
मुखर्जी पाकिस्तान की ताकतवर सेना और राजनीतिक नेतृत्व के बीच तनावपूर्ण संबंधों तथा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ के बीच गतिरोध संबंधी खबरों के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। इन घटनाओं के चलते पाकिस्तान में सैनिक विद्रोह संबंधी अफवाहें जोरों पर हैं।
मुखर्जी ने कहा, "हम हमेशा से, विशेषकर अपने पड़ोस में सशक्त और स्थिर सरकारों के हक में रहे हैं ताकि जनता के कल्याण के लिए पूरे क्षेत्र की तरक्की और विकास हो सके।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संदर्भ में यह इसलिए भी प्रासांगिक है ताकि वह उन तत्वों का सफाया कर सकें जो पाकिस्तान और उसके बाहर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसकी धरती का इस्तेमाल करते हैं।
पाकिस्तान में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता तथा पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत में तालिबान से किए गए समझौतों से भारत बहुत चिंतित है, क्योंकि इससे तालिबान के वहां काबिज होने का अंदेशा बढ़ गया है।
मुखर्जी का बयान ऐसे समय में आया है जब मुंबई हमलों की जांच के संदर्भ में पाकिस्तान की ओर से उठाए गए 30 प्रश्नों का जवाब भारत को भेजना है। इससे पाकिस्तान को मुंबई हमलों के सिलसिले में हिरासत में लिए गए छह पाकिस्तानी संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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