मुलायम ने गलती स्वीकारी, पर घूस देने से इनकार, निर्वाचन आयोग का नोटिस
अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले आचार संहिता के उल्लंघन के लिए चुनाव आयोग द्वारा की गई खिंचाई के कुछ घंटे बाद मुलायम ने स्वीकार किया,"यह सच है कि भूल हुई।"
लेकिन उन्होंने कहा कि हर वर्ष होली पर वह लोगों को उपहार देते हैं। यह एक परंपरा और होली के उत्सव का एक हिस्सा है और किसी को घूस देने का प्रयास नहीं है। मुलायम ने कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
निर्वाचन आयोग ने मुलायम से पूछा है कि दो मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से लागू आचार संहिता का उन्होंने क्यों उल्लंघन किया। आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के 14 मार्च तक जवाब नहीं देने पर आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
आयोग ने टेलीविजन चैनलों पर इटावा के सैफई गांव में मुलायम की सभा के दृश्यों के प्रसारण का संज्ञान लिया है। मुलायम के पड़ोसी मैनपुरी जिले से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
रिपोर्टों के अनुसार मुलायम की उपस्थिति में उनके कार्यकर्ता वहां एकत्र लोगों की भारी भीड़ में 100-100 रुपये के नोट बांट रहे थे।
समाजवादी पार्टी महासचिव अमर सिंह ने इस मामले को महत्वहीन बताने की कोशिश करते हुए कहा," होली के अवसर पर मैंने बरेली दरगाह को परंपरा के अनुसार पैसे दिए हैं। इसके लिए कोई मुझे निर्वाचन आयोग का नोटिस लाए।"
उन्होंने कहा, "क्या हमें होली मनाना बंद कर देना चाहिए। त्योहार के अवसर पर परिवार के बड़े सदस्य छोटों को पैसा देते हैं। हमने भी दिया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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