बीडीआर की बगावत के पीछे आतंकवादी हाथ होने का अंदेशा
ढाका, 12 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश में पिछले महीने हुई बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) की बगावत में मारे गए लोगों में, आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों से संबद्ध एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मारा गया था। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया की एक रिपोर्ट में दी गई।
समाचार पत्र 'डेली स्टार' के अनुसार इस विद्रोह के पीछे आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। इस बगावत में मारे गए कर्नल गुलजारुद्दीन अहमद को इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों और उनको ढूंढ निकालने में माहिर माना जाता था।
कुछ सरकारी अधिकारियों ने इस नरसंहार के पीछे आतंकवादी तत्वों का हाथ होने की ओर संकेत किया है, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने अपना नाम उजागर नहीं करने को कहा।
एक अधिकारी ने समाचार पत्र को बताया, "कोई अनुशासित बल ऐसा जघन्य कदम नहीं उठा सकता। ऐसा लगता है कि इसके पीछे आतंकवादी तत्वों का हाथ रहा होगा।"
बीडीआर की 25-26 फरवरी की बगावत के दौरान 74 लोग मारे गए थे।
कर्नल अहमद कुछ अर्से से आतंकवाद विरोधी अभियानों से संबद्ध थे और उन्होंने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और हरकत-उल-जेहाद इस्लामी (हूजी)जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े बहुत से मामले सफलतापूर्वक निपटाए भी थे।
समाचार पत्र के अनुसार अहमद के शव को इतनी बुरी तरह विक्षत किया गया था कि शुरू में तो उसकी शिनाख्त भी गलत हुई थी। उनके परिवार के सदस्य भी उनके शव की पहचान नहीं कर सके थे।
सूत्रों के अनुसार हत्यारों ने संभवत: उनके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था। उनके कुछ संबंधियों को तो उनका शव देखने से भी भय लगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, "उनका शव देखने वाले लोगों का कहना है कि उनकी आंखें निकाल ली गई थी। उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी और उनके शरीर पर यातनाएं दिए जाने के निशान थे। उनकी मौत संभवत: गोलियां लगने से हुई।"
अहमद के परिवार के एक सदस्य ने बताया, "उनका चेहरा इतना बिगाड़ दिया गया था कि उसे देखकर उनकी पहचान करना नामुमकिन था।"
रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि हाल के वर्षो में भर्ती के दौरान बीडीआर में कुछ आतंकवादी तत्व घुसपैठ कर गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।