पाकिस्तान में पुलिस के दमन के बावजूद वकीलों का जुलूस शुरू(लीड-1)
सिंध उच्च न्यायालय के बाहर बड़ी संख्या में वकील एकत्र हुए। यहीं से जुलूस शुरू हुआ। जियो टीवी के अनुसार वकीलों का जुलूस मजार-ए कायद के लिए रवाना हुआ।
वकीलों ने 16 मार्च को इस्लामाबाद के कांस्टीट्यूशन एवेन्यू में धरना आयोजित करने की घोषणा की है।
डॉन न्यूज ने गुरुवार को खबर दी कि कार्यकर्ताओं को मंगलवार रात और बुधवार को हिरासत में लिया गया जबकि पुलिस ने वकीलों के घरों व कार्यालयों पर छापे मारे।
रिपोर्ट के अनुसार दमन की कार्रवाई शुरू होते ही पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और कुछ अन्य नेताओं को छोड़कर ज्यादातर विपक्षी नेता भूमिगत हो गए हैं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के कार्यालयों और लाहौर की सड़कों और चौराहों पर लगे शरीफ बंधुओं के बैनर और पोस्टरों को पुलिस तथा प्रशासनिक कर्मी हटा रहे हैं।
पुलिस ने पीएमएल-नवाज के पंजाब सूबे के उपाध्यक्ष मोहम्मद इलियास खान को बुधवार को एक शादी समारोह से हिरासत में ले लिया। डॉन ने शाहबाज के प्रवक्ता ख्वाजा इमरान नाजिर के हवाले से यह खबर दी।
दमनकारी गतिविधियां देर रात तक जारी थीं। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने शरीफ बंधुओं को शुक्रवार तक नजरबंद करने का फैसला लिया है। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि छापों के दौरान पुलिसकर्मियों ने महिलाओं और बुजुर्गो से बदसलूकी की।
पंजाब में निषेधाज्ञा लगा दी गई है और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भीड़ के रूप में एकत्र हो रहे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (ऑपरेशन) अमजद जावेद सलीमी ने कहा है कि पुलिस कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखेगी और किसी को भी शांति में व्यवधान डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
प्रांतीय गृह सचिव राव इफ्तिखार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आतंकवादी भीड़ और रैलियों का इस्तेमाल अपने नापाक इरादों के लिए कर सकते हैं और तो और वे राजनीतिज्ञों को भी निशाना बना सकते हैं।"
इस बीच वकीलों और राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि वे 16 मार्च के धरने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
लाहौर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनवर कमाल ने कहा है कि वकीलों ने इस्लामाबाद पहुंचने के लिए वैकल्पिक योजनाएं भी बनाई हैं। उन्होंने कहा, "अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध धारा 144 लागू किए जाने का विरोध करते हैं। "
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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