पटनायक ने बहुमत साबित किया (राउंडअप)
विपक्ष के बर्हिगमन के बीच विधानसभा अध्यक्ष किशोर मोहंती ने सरकार द्वारा सदन में पेश विश्वासमत के ध्वनिमत से पारित होने की घोषणा की। कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने सदन में हंगामा करने के बाद बर्हिगमन किया।
विश्वास मत जीतने के बाद पटनायक ने संवाददाताओं से कहा किसी ने भी मतों के विभाजन की मांग नहीं की और विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया।
इससे पहले पटनायक के विश्वास मत जीतने का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने ने राज्यपाल भंडारे से अलग-अलग मुलाकात की और सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। दोनों पार्टियों ने पटनायक पर जोड़-तोड़ का आरोप लगाया।
राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष महेश्वर मोहंती से कहा कि विश्वास मत प्रक्रिया से संबंधित वीडियो रिकार्डिंग और अन्य दस्तावेज जमा करने को कहा है।
राज्यपाल सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विधानसभा प्रशासन वीडियो रिकार्डिग एवं अन्य दस्तावेज जमा करा दिए हैं।
कांग्रेस ने कहा कि विश्वासमत का समय ठीक नहीं है क्योंकि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता प्रभाव में आ चुकी है।
गौरतलब है कि उड़ीसा में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) और भाजपा के बीच समझौता विफल हो गया था। इसके बाद पटनायक सरकार से भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था, जिसके कारण विश्वासमत की आवश्यकता हुई थी।
कांग्रस के विरोध के बावजूद कुछ निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों ने पटनायक का समर्थन किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।