पंजाब और सिंध प्रांत में सार्वजनिक सभाओं पर पाबंदी (लीड-3)

By Staff
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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं समेत अन्य पार्टियों के नेता मंगलवार रात को सभाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जमा हुए थे जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

प्रशासन ने कहा कि सार्वजनिक सभाओं पर पाबंदी आतंकवादियों के प्रदर्शनकारियों पर हमले की आशंका के मद्देनजर लगाया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने वर्ष 2007 में राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त किए गए मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की बहाली की मांग की है।

लांग मार्च सिंध और बलूचिस्तान में गुरुवार को शुरू होकर पंजाब प्रांत से होते हुए चार दिन बाद इस्लामाबाद पहुंचेगी जहां प्रदर्शनकारी संसद के बाहर तब तक धरना देंगे जब तक कि चौधरी को बहाल नहीं किया जाता।

दो बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों के एक गठबंधन ने कराची से गुरुवार को लांग मार्च का ऐलान किया है।

पंजाब प्रांत की सरकार ने लांग मार्च रोकने के मकसद से मंगलवार की रात पीएमएल-एन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी लेकिन शरीफ ने कहा है कि इससे उनकी योजना पर फर्क नहीं पड़ेगा और उनका संघर्ष जारी रहेगा।

इससे पूर्व पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने चेतावनी दी थी कि अगर शरीफ लांग मार्च पर जाते हैं तो उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।

इस बीच विपक्षी कार्यकर्ताओं और वकीलों के इस्लामाबाद के लांग मार्च को रोकने के लिए बुधवार को पाकिस्तान के अधिकारियों ने पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ को उनके आवास में नजरबंद करने का निर्णय लिया है।

जियो टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने बुधवार सुबह लाहौर सहित पंजाब के कई जिलों में वकीलों और विपक्षी नेताओं के खिलाफ अभियान आरंभ किया।

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ, जमात-ए-इस्लामी नेता काजी हसन अहमद और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान को उनके आवास में कैद करने का आदेश दिया है।

विपक्ष ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जिन न्यायाधीशों को बर्खास्त किया था, उनकी बहाली के लिए वह लांग मार्च निकालेंगे।

पुलिस ने पीएमएल-एन और जमात-ए-इस्लामी के कई कार्यकर्ताओं के घरों पर छापा मारा और गिरफ्तारियां की। कई कार्यकर्ता फरार होने में सफल रहे और छुप गए हैं।

जियो टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने गुजरांवाला, शक्खरपुरा, फैसलाबाद और सियालकोट में भी प्रमुख स्थानों पर छापा मारा।

उधर पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों के देशव्यापी 'लांग मार्च' के मद्देनजर राजनीति इस कदर गर्मा गई है कि इस बात की आशंका जोर पकड़ने लगी है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सत्ता पर पकड़ कमजोर हुई है और उनके राजनीतिक भविष्य पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चतता से स्वात घाटी और कबायली क्षेत्रों में कट्टरपंथियों से मुकाबले पर भी असर पड़ सकता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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