मुशर्रफ ने स्वात समझौते का बचाव किया
नई दिल्ली में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने के बाद यहां लौटे मुशर्रफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "उस इलाके में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। आखिर वे क्या चाहते थे? वे अपेक्षाकृत जल्द न्याय चाहते थे। न्याय ही शांति लाएगा।"
मुशर्रफ ने कहा, "लोग जल्द न्याय चाहते हैं, लेकिन उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के कारण ऐसा संभव नहीं है। अब इन अपीलों की सुनवाई फेडरल शरीयत कोर्ट करेगा।"
मुशर्रफ ने कहा कि उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत (एनडब्ल्यूएफपी) के सात जिलों में शरीयत कानून लागू करने की पहल उनके राष्ट्रपति काल में शुरू की गई थी।
मुशर्रफ ने कहा, "यह मांग मेरे शासन काल में उठाई गई थी। हमने इस पर बातचीत शुरू की थी।"
अमेरिका और अन्य पश्चिमी सरकारों ने इस समझौते की यह कहते हुए लगातार आलोचना की है कि यह तालिबान के आगे झुकने जैसा है। लेकिन मुशर्रफ इससे सहमत नहीं हैं।
वह कहते हैं, "मैं सोचता हूं कि हम कुछ तालिबानी तत्वों के साथ काम कर सकते हैं। यदि इससे शांति बहाल होती है तो उन्हें एक मौका क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।