मुंबई हमले के आरोपियों को आरोप पत्र की उर्दू प्रति नहीं
न्यायाधीश एन.एन. श्रीमांगले ने सुनवाई को भी विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश एम. एल. ताहिलयानी को सौंप दिया जो मुंबई की आर्थर रोड जेल में बनाई गई विशेष अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच मामले की सुनवाई करेंगे।
विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम ने कहा कि 23 मार्च को विशेष न्यायालय के सामने मामला पेश किया जाएगा।
निकम ने कहा कि तीनों आरोपियों को अंग्रेजी और मराठी में आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध कराई गई है। महाराष्ट्र में न्यायालय की भाषा मराठी है अत: उर्दू में आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध कराने का कोई प्रावधान नहीं है।
निकम ने कहा कि उर्दू में आरोप पत्र की प्रति मांगना प्रक्रिया में विलंब पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि कसाब का मुकदमे में प्रतिनिधित्व करने वाला कोई वकील नहीं है।
मुंबई पुलिस ने 25 फरवरी को कसाब और अन्य 37 पाकिस्तानी तथा भारतीय आरोपियों पर भारत के खिलाफ युद्ध की योजना बनाने, उसमें सहयोग देने और हमला करने तथा अन्य कई और आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दायर किया था। अन्य 37 आरोपियों को मामले में वांछित भगोड़ा घोषित किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।