माकपा ने तीसरे मोर्चे के लिए प्रयास तेज किया (लीड-1)
ज्ञात हो कि माकपा अपने वामपंथी सहयोगियों के अलावा आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), तमिलनाडु में एआईडीएमके और कर्नाटक में जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के साथ चुनावी गठबंधन करने में सफल हो गई है।
अब माकपा ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री व बीजद प्रमुख नवीन पटनायक तथा उड़ीसा के अन्य नेताओं के साथ बातचीत के लिए पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी को भुवनेश्वर भेजा है।
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने पार्टी की केंद्रीय समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद यहां रविवार को संवाददाताओं को बताया, "मुझे इस बात पर खुशी है कि बीजद ने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अपना नाता तोड़ लिया है। पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी उड़ीसा के मुख्यमंत्री व बीजद प्रमुख नवीन पटनायक और अन्य नेताओं से मिलने वाले हैं।"
करात की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उड़ीसा के माकपा और भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के नेताओं ने भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद उड़ीसा सरकार को समर्थन देने का संकल्प लिया।
करात ने कहा कि येचुरी बातचीत के लिए भुवनेश्वर निकल चुके हैं और उनके लौटने के बाद किसी गठबंधन पर निर्णय लिया जाएगा।
करात ने कहा, "हम गठबंध के बारे में कोई फैसला करने के लिए 14 मार्च को दोबारा मिलेंगे।"
करात ने कहा, "यह एक अच्छी घटना है। कंधमाल में ईसाइयों पर हमले के बाद हमारे नेताओं ने नवीन पटनायक से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि भाजपा का साथ बनाए रखना उनके लिए बहुत महंगा साबित होगा।"
करात ने कहा कि बीजद माकपा के साथ पिछले कुछ दिनों से संपर्क में था।
यह पूछे जाने पर कि क्या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ भी चुनाव पूर्व कोई गठबंधन किया जाएगा, करात ने कहा, "बसपा ने कहा है कि वह किसी चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल नहीं होना चाहती।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।