अमेरिका से स्वदेश लौटने को विवश हैं भारतीय व चीनी पेशेवर
वाशिंगटन, 8 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका में घटती संभावनाओं और नौकरशाही से परेशानी भारतीय और चीनी पेशेवरों को यहां से अपने वतन का रुख करने के लिए विवश कर रही है।
लेखक विवेक वाधवा के अध्ययन में यह बात सामने आई है। वाधवा ने बताया, "पिछले चार दशकों से भारत और चीन प्रतिभाशाली पेशेवरों के पलायन से जूझते रहे हैं। इसकी वजह यह कि हजारों प्रतिभाशाली लोगों ने इन देशों से अमेरिका का रुख कर लिया। परंतु अमेरिका में घटते अवसरों और इन देशों की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं ने सब कुछ बदल दिया है।"
वाधवा ने कॉफमैन फाउंडेशन के लिए किए गए अपने अध्ययन में 1,200 भारतीय और चीनी पेशेवरों को शामिल किया था।
साल 2000 में किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला था कि कुल अमेरिकी कामगारों में 12 प्रतिशत ही विदेशी पेशेवर शामिल थे हालांकि विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इनकी संख्या 47 प्रतिशत थी।
वाधवा कहते हैं, "भारतीय और चीनी पेशेवर जब अपने वतन लौट जाएंगे तो अमेरिका के प्रतिस्पर्धी विकास का क्या होगा? इन लोगों की प्रतिभा भारत, चीन और कनाडा जैसे देशों के लिए फायदेमंद होगी न कि अमेरिका के लिए। अमेरिका का नुकसान दुनिया के अन्य देशों लिए लाभ होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।