ओटिस गरीबों की खातिर गांधी की और चीजों को भारत को सौंपना चाहते हैं
वाशिंगटन, 7 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिकी संग्रहकर्ता जेम्स ओटिस ने गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च में बढ़ोतरी की शर्त पर गांधी की और वस्तुओं को भारत को लौटाने की पेशकश की है।
लास एंजेलिस निवासी इस संग्रहकर्ता ने कहा, "मेरे पास गांधी की अन्य वस्तुएं हैं। मैं इन्हें गरीबों के लिए धन इकट्ठा करने के लिए भारत के लोगों को दान करना चाहूंगा।" ओटिस ने अपने पास मौजूद गांधी की पांच वस्तुओं की न्यूयार्क में नीलामी की थी जिसे एक भारतीय उद्योगपति विजय माल्या ने 18 लाख डॉलर में खरीदा था।
न्यूयार्क से आईएएनएस को टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में ओटिस ने कहा, "मैंने गरीबों की खातिर गांधी की चीजों की नीलामी की।"
उन्होंने कहा कि नीलामी से उन्हें 10 लाख डॉलर प्राप्त होंगे, जिसमें से वह हर एक पेन्नी भारत के निचले तबके लिए कल्याण के लिए दान कर देंगे।
उनके पास गांधी के हस्ताक्षर वाला 1934 में लिखा गया पत्र और उनकी अंतिम रक्त जांच रिपोर्ट जिसपर 21 जनवरी 1948 की तारीख में इरविन अस्पताल के डॉक्टर बी. एल. तनेजा का हस्ताक्षर है। इसके नौ दिन बाद 30 जनवरी को गांधी की हत्या हो गई थी।
ओटिस ने कहा कि उनके पास 1924 में कराची की ताई कंपनी के प्रंबध एजेंट इनायतुल्लाह द्वारा गांधी को भेजा गया टेलीग्राम और इसको गांधी द्वारा प्राप्त करने का सबूत भी है।
टेलीग्राम में लिखा गया है, "जब आप कराची आएं तो कृपया मेरे साथ ठहरें। यह परोपकारी उद्देश्य के लिए अच्छा होगा।" इस पर गांधी ने लिखा, "धन्यवाद, लेकिन मेरे आने से पहले.. मुझे उस परोपकारी उद्देश्य के बारे में अवश्य जानना होगा।"
ओटिस के मुताबिक गांधी अपनी प्रतिक्रिया टेलीग्राम के माध्यम से भेजने के आदी थे।
ओटिस के सहयोगी और जॉर्ज मैसन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर लेस्टर कुत्र्ज के पास भी गांधी की कुछ वस्तुएं हैं। वह भी इन्हें दान करना चाहते हैं। उनके पास गांधी की हत्या स्थल से लिया गया रक्त का नमूना और अंतिम संस्कार के बाद का राख मौजूद है।
उन्होंने कहा कि उनके पास अहिंसा से जुड़े अन्य महान लोगों की वस्तुएं हैं। इनमें मार्टिन लूथर किंग का एक पत्र है जिसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ चलाए गए आंदोलन के लिए समर्थन मांगा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।