त्रिपुरा में जनजातीय आधारित पार्टी की अलग राज्य की मांग
त्रिपुरा स्थानीय जन मोर्चा (आईपीएफटी) के अध्यक्ष नरेंद्र चंद्र देबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के क्षेत्रों को त्रिपुरा के 10 लाख स्थानीय निवासियों के लिए एक अलग राज्य का दर्जा दे देना चाहिए।
आईपीएफटी के महासचिव रबिंद्र किशोर देबर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र में बांग्लादेशियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां क्षेत्र में जनसंख्या के बदलते स्वरूप को नजरअंदाज कर रही हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अन्य दलों ने इस मांग का विरोध किया है। माकपा के प्रवक्ता गौतम दास ने कहा कि चुनाव से पहले अलग राज्य की मांग सांप्रदायिकता के अलावा और कुछ नहीं है।
कांग्रेस के प्रवक्ता तापस डे ने कहा कि अलग राज्य के गठन की मांग से राज्य में तनाव पैदा होगा, जहां 35 लाख की आबादी में एक-तिहाई जनजातीय जनसंख्या है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।