गांधी की चीजें हासिल कर माल्या खुश
इसके साथ ही इन निशानियों का भारत लौटना तय हो गया है। गुरुवार को महात्मा गांधी का एक चश्मा, जेब घड़ी, एक जोड़ी चमड़े की चप्पलें, एक पीतल की थाली और कटोरी के लिए अंतिम बोली 18 लाख डॉलर की लगी।
अंतिम बोली माल्या के प्रतिनिधि टोनी बेदी ने लगाई। अंतिम बोली लगाने के बाद बेदी ने कहा, "इन वस्तुओं को खरीदकर हम काफी खुश हैं।" उन्होंने कहा कि बापू की निशानियां भारत को लौटाई जाएंगी।
माल्या के अलावा बोली लगाने वालों में भारतीय मूल के उद्योगपति संत सिंह चटवाल भी शामिल थे। बोली शुरू होने से पहले चटवाल ने कहा था कि वह पांच लाख डॉलर तक की बोली लगा सकते हैं।
दूसरी ओर नीलामी के साथ कानूनी विवाद खड़ा होता भी दिख रहा है इसलिए अमेरिकी न्याय विभाग ने नीलामी घर एंटीकोरम से कहा है कि खरीदार को ये वस्तुएं दो हफ्तों तक नहीं सौंपी जा सकेंगी ताकि संभावित कानूनी विवाद को सुलझाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि एंटीकोरम कंपनी ने महात्मा गांधी की इन निजी वस्तुओं की आरक्षित कीमत 20 से 30 हजार डॉलर के बीच रखी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।