नक्सलियों पर लगाम कसे आंध्र सरकार : चिदंबरम (लीड-1)
चिदम्बरम ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "राज्य ने नक्सलवादियों के खिलाफ अभियानों में उल्लेखनीय परिणाम हासिल किया है। अधिकारियों को नक्सलवादियों पर यह दबाव बनाए रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि पुलिस का पलड़ा अब भारी है। आंध्र-उड़ीसा सीमा पर हुई एक घटना जिसमें 34 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, को छोड़कर 2008 में मौतें कम हुईं हैं।
मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद चिदंबरम ने कहा कि राज्य में पुलिसिया तैयारी का स्तर ऊंचा है लेकिन उन्होंने आतंकवादी खतरे के मद्देनजर शहरी पुलिस व्यवस्था में सुधार करने को कहा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में कुछ निश्चित स्थानों पर तुरंत हरकत में आने वाले दलों की स्थापना की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के पास 256 सदस्यीय मजबूत कमांडो दस्ता होगा। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्डो (एनएसजी) की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जाएगा और वे एनएसजी की तरह ही प्रभावी होंगे।
तटीय सुरक्षा के संदर्भ में उन्होंने केरल का उदाहरण दिया जहां हर तटीय मछुआरे को मोबाइल फोन दिया गया है। इससे वे हर संदिग्ध नौका, व्यक्ति या गतिविधि के बारे में पुलिस को तत्काल सूचना दे सकेंगे।
वर्ष 2007 में मक्का मस्जिद में हुए बम विस्फोट मामले की जांच ठंडे बस्ते में चले जाने की बात को स्वीकार करते हुए चिदंबरम ने कहा "केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रहा है लेकिन पुलिसिया भाषा में कहे तो यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। इसका कारण मामले के दो प्राथमिक संदिग्धों की मौत है।"
उन्होंने कहा कि जब तक कोई अन्य सुराग नहीं मिलता, इस मामले में आगे बढ़ना संभव नहीं है लेकिन सीबीआई इस पर काम कर रही है।
उल्लेखनीय है ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में 18 मई 2007 को शुक्रवार की नमाज के दौरान हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी और उसके बाद मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग में पांच व्यक्तियों की मौत हुई थी।
पुलिस का दावा है कि विस्फोट का महत्वपूर्ण संदिग्ध शाहिद बिलाल विस्फोट के कुछ सप्ताह बाद पाकिस्तान में गोलाबारी में मारा गया। हैदराबाद शहर के निवासी बिलाल पर बांग्लादेश के हरकत जेहाद-ए-इस्लामी (हूजी) के लिए काम करने का आरोप था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।