गांधी की धरोहरों को हासिल करने के लिए बोली भी लगा सकती है सरकार (लीड-3)

By Staff
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अधिकारियों और अमेरिका में भारतीय दूतावास से इन वस्तुओं को वापस लाने के लिए जरूरी हर कदम उठाने को कहा है।

न्यूयार्क की नीलामी संस्था एंटीकोरम ऑक्शनर्स के माध्यम से भारतीय समयानुसार गुरुवार रात 1.30 बजे गांधी की जिन धरोहरों की नीलामी की जानी है कि उनमें घड़ी, चश्मा, चप्पलें, कटोरा और तश्तरी हैं। इन वस्तुओं की बोली के लिए रिजर्व प्राइज 20,000 से 30,000 डॉलर रखा गया है।

संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी ने नई दिल्ली कहा,"हमें महात्मा गांधी से संबंधित वस्तुओं को हासिल करना होगा और हम इसके लिए सभी उपायों पर विचार कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर हम नीलामी में भी हिस्सा लेंगे, जो इन वस्तुओं को स्वदेश लाने का अंतिम विकल्प होगा।"

सोनी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने उनको इन धरोहरों को सुरक्षित करने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया है।

सोनी का यह बयान विदेश राज्यमंत्री आनंद शर्मा के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी की धरोहरों को हासिल करने के लिए सरकार कोई समझौता नहीं करेगी और न ही कोई शर्त मंजूर करेगी। उन्होंने अमेरिकी संग्रहकर्ता जेम्स ओटिस से इन वस्तुओं को नीलामी से बाहर रखने की अपील की।

प्रस्तावित नीलामी से महज 12 घंटे पहले शर्मा ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा, "हम जेम्स ओटिस से अपील करते हैं कि वे इन वस्तुओं को नीलामी से हटा ले।"

ओटिस ने बुधवार को न्यूयार्क में भारतीय महावाणिज्यिक दूत प्रभु दयाल से मुलाकात के बाद कहा था कि वह गांधी की धरोहरों की नीलामी नहीं कराएंगे, बशर्ते भारत सरकार गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाए या फिर अहिंसा के सिद्धांत के प्रसार के मकसद से चलाए जाने वाले शैक्षणिक समारोहों के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराए।

ओटिस ने भारतीय राजनयिकों से गुरुवार को भी मुलाकात करने पर सहमति जताई थी।

दयाल ने बताया, "हमने उनसे कहा था कि यदि वह इन्हें दान में देना नहीं चाहते तो हम भारत सरकार की ओर से इन वस्तुओं को खरीदने को तैयार हैं।"

एक दूसरी योजना अमेरिका में भारतीय मूल के होटल व्यवसायी संत सिंह चटवाल की अगुवाई में अनिवासी भारतीय होटल व्यवसायियों के एक समूह की भी भारत सरकार की ओर से नीलामी में हिस्सा लेने की है।

चटवाल के अनुसार, इसका मकसद यही है कि कोई और उन्हें खरीद नहीं पाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता की वस्तुएं कोई भारतीय खरीदे और उन्हें भारत भिजवाए।

वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि उसने न्यूयार्क की नीलामी संस्था 'एंटीक्योरम ऑक्शनर्स' से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करने को कहा है जिसमें अदालत ने महत्मा गांधी के वैधानिक वारिस नवजीवन ट्रस्ट की याचिका पर नीलामी रोकने को कहा है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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