भारत ने किया ब्रह्मोस का परीक्षण (लीड-1)
जहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से कहा गया है कि परीक्षण सफल रहा, वहीं भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि अभी परीक्षण का विश्लेषण किया जाना बाकी है।
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बुधवार की शाम परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा, "मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया।"
दूसरी ओर सेना के एक अधिकारी ने कहा, "फिलहाल हम आंकड़े का विश्लेषण कर रहे हैं। हम इस बारे में गुरुवार को कुछ कहने की स्थिति में आ पाएंगे।"
दरअसल क्रूज मिसाइलें कम ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं और उनके पास शत्रु के राडारों और वायु सुरक्षा प्रणाली से बच निकलने की क्षमता भी होती है।
ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। गत 20 जनवरी को परीक्षण के दौरान यह अपना निशाना चूक गया था।
सेना ने ब्रह्मोस के जमीन से मार करने वाले संस्करण को पहले से अपने बेड़े में शामिल करना शुरू कर दिया है। इस तरह की पहली बैटरी इंटरिंग सेवा जून 2007 में सेना में शामिल की गई थी। प्रत्येक बैटरी चार मोबाइल लांचरों से लैस होती है। इसे 12 गुणा 12 के भारी टेट्रा वाहनों पर लगाया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।