गांधी की वस्तुओं को हासिल करने को सक्रिय हुई सरकार
विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा ने यहां कहा, "हमने वाशिंगटन स्थित अपने दूतावास और न्यूयार्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से कहा है कि गांधी से जुड़ी वस्तुओं को हासिल करने के लिए वह जो भी संभव हो करें। चाहे उसे बोली लगा कर हासिल करें या अन्य किसी रास्ते से।"
शर्मा ने कहा, "किसी भी हाल में भारतीय धरोहर देश में वापस आनी चाहिए।"
गांधी की जिन वस्तुओं की नीलामी की जानी है, उनमें शामिल हैं : जेनिथ ब्रांड की पॉकेट घड़ी, एक जोड़ी चप्पल, स्टील के फ्रेम वाला गोल शीशे वाला चश्मा और एक कटोरा और एक प्लेट।
इन वस्तुओं की न्यूयार्क के एंटीकोरम ऑक्शनर्स में गुरुवार को नीलामी की जानी है। फिलहाल इन वस्तुओं पर जेम्स ओटिस का मालिकाना अधिकार है।
नीलामी कर्ताओं द्वारा इन वस्तुओं की कीमत 20,000 से 30,000 डॉलर के बीच रखी गई है। लेकिन यदि नीलामी की गई तो 100,000 से 300,000 डॉलर तक की बोलियां लगाई जा सकती हैं।
न्यूयार्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के वरिष्ठ राजनयिकों ने इस विवादास्पद नीलामी को रोकने के लिए एंटीकोरम आक्सनर्स के साथ एक अंतिम बैठक की।
जेम्स ओटिस के साथ भी इस मसले पर बातचीत जारी है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इन वस्तुओं के लिए सरकार कोई भरीभरकम राशि अदा नहीं करना चाहती।
सूत्रों के अनुसार अमेरिका के विदेश मंत्रालय से भी इस नीलामी को रुकवाने के लिए मदद मांगी जा रही है।
उधर दिल्ली उच्च न्यायालय पहले ही गांधी की वस्तुओं की नीलामी पर रोक के लिए मंगलवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर चुका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।