रिजर्व बैंक ने रेपो व रिवर्स रेपो दरों में फिर कटौती की (लीड-1)
इस कटौती के साथ अब रेपो की नई दर 5 प्रतिशत होगी तथा रिवर्स रेपो दर अब 3.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। आरबीआई ने इसके पहले दो जनवरी को इन दरों में कटौती की थी।
जनवरी महीने में आरबीआई ने इन दोनों दरों में एक-एक प्रतिशत की कमी की थी।
रेपो दर में कटौती से जहां व्यावसायिक बैंकों को आरबीआई से उधारी लेने में सहूलियत होगी, वहीं रिवर्स रेपो दर में कमी से बैंकों को आरबीआई में अपनी धनराशि जमा करने से नुकसान उठाना पड़ेगा।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, "ताजा उपलब्ध सूचना से पता चला है कि वैश्विक वित्तीय व आर्थिक स्थितियां और बिगड़ी हैं।"
चालू वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत से नीचे आ गई। जबकि पिछले वित्त वर्ष में प्रथम नौ महीने के दौरान वृद्धि दर 9 प्रतिशत थी।
आरबीआई के बयान में कहा गया है, "भारत की वृद्धि दर वित्तीय संकट और वैश्विक आर्थिक मंदी, दोनों कारणों से प्रभावित हुई है। ये प्रभाव इतने गंभीर हैं कि शुरू में इसकी कल्पना नहीं की गई थी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।