उत्तर प्रदेश में भाजपा ने लगाया दिग्गजों को दांव पर

By Staff
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लखनऊ, 3 मार्च (आईएएनएस)। एक समय उत्तर प्रदेश की 80 में से 60 लोकसभा सीटें फतह करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश में अपना खोया जनाधार वापस पाने की मंशा से आक्रामक रणनीति अपनाते हुए अपने ज्यादातर दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतार दिया है।

यह पहला मौका है जब भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत महासचिव विनय कटियार, उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और लालजी टंडन को एक साथ दांव पर लगा दिया है। इतना ही नहीं नेतृत्व ने एक वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र से कानपुर सीट पर मोर्चा संभालने की पेशकश की है। कई केंद्रीय नेताओं के अलावा सत्यदेव सिंह, हुकुम सिंह जैसे कई अन्य पूर्व मंत्री भी चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर दिग्गजों को एक साथ दांव पर लगाना पार्टी की सोची समझी रणनीति है। इसका एक मकसद उदासीन व हतोत्साहित पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना कि पार्टी के दिग्गज खुद मैदान में उतर रहे हैं, ऐसे में वे भी तनमन से जुट जाएं। वरिष्ठ नेताओं के लिए सीटों का चयन भी इसी दृष्टि से किया गया है।

राजनाथ सिंह पश्चिमी मोर्चे पर गाजियाबाद में मैदान संभालेंगे, तो मुरली मनोहर जोशी वाराणसी से पूर्वांचल में। पूर्वांचल में भाजपा के दिग्गज नेता योगी आदित्यनाथ इस बार अपनी गोरखपुर सीट के अलावा बस्ती, खलीलाबाद, मऊ, कुशीनगर और आजमगढ़ सीटों की भी व्यूह रचना करेंगे। इसी तरह फायर ब्रांड नेता विनय कटियार को दांव पर लगाकर पार्टी की मंशा अंबेडकर नगर सीट पर भगवा झंडा फहराने की है।

उधर वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र के सामने पार्टी ने प्रस्ताव रखा है कि वह कानपुर सीट से मोर्चा संभालें। सूत्रों के मुताबिक पहले वाराणसी फिर लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे कलराज ने फिलहाल कानपुर के लिए हामी नहीं भरी है।

प्रदेश उपाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि दिग्गज नेताओं के मैदान में उतरने से कार्यकर्ताओं में जोश का संचार होगा। भाजपा अब तक 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। माना जा रहा है कि 12 सीटें गठबंधन दलों के खाते में जाने की संभावना है।

भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि दिग्गजों को मैदान में उतारने के पीछे एक मकसद चुनाव में गुटबाजी से निजात पाना भी है। सूत्र का मानना है कि अपने-अपने चुनाव में व्यस्त हो जाने पर नेताओं के पास बाकी गतिविधियों के लिए समय ही नहीं बचेगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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