गांधी की वस्तुओं की नीलामी पर अदालत का स्थगनादेश
अहमदाबाद के नवजीवन ट्रस्ट ने गांधी से जुड़ी पांच वस्तुओं की नीलामी पर रोक लागाने के लिए अदालत से संपर्क किया था। इन पांच वस्तुओं में गांधी का विशेष गोल शीशे वाला चश्मा और उनकी चप्पलें शामिल हैं। अमेरिका के एंटिकोरम आक्सनीयर्स द्वारा गुरुवार को इन वस्तुओं की नीलामी की जानी है।
न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने ट्रस्ट की ओर से प्रस्तुत अतिरिक्त महान्यायाधिवक्ता मोहन पाराशरण द्वारा दायर याचिका पर एक एकतरफा आदेश पारित किया। पाराशरण ने कहा कि वे वस्तुएं भारत की हैं और उन्हें अनधिकृत तरीके से वहां ले जाया गया है।
पाराशरण ने कहा कि ठीक इसी तरह का स्थगन आदेश मद्रास उच्च न्यायालय ने वर्ष 1996 में गांधीजी की हस्तलिखित सामग्रियों की नीलामी रोकने के लिए एक ब्रिटिश संस्थान के खिलाफ दिया था।
पाराशरण ने कहा कि 1996 के आदेश से वह नीलामी सफलतापूर्वक रोक दी गई थी। सरकार ने ट्रस्ट की ओर से इस मामले में अदालत में पेश होने के लिए पाराशरण को विशेष अनुमति दी है।
पाराशरण की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने नीलामी करने वाली संस्था को भी नोटिस जारी कर दिया। संस्था को आगामी छह मई को नोटिस का जवाब देना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।