गुजरात के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए
हड़ताली डॉक्टर अपने मासिक स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसके कारण प्रभावित शहरों के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं पर विपरीत असर पड़ा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की प्रक्रिया रविवार से ही शुरू हो गई थी क्योंकि उस दिन कई डॉक्टरों ने अस्पतालों में हाजिरी नहीं लगाई।
स्वास्थ्य विभाग ने मौके की नजाकत को भांपते हुए सोमवार सुबह सरकारी और निगम अस्पतालों के आपातकालीन और बाह्य रोगी विभागों में वरिष्ठ डॉक्टरों को काम पर लगा दिया।
अहमदाबाद के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा है कि सरकार जूनियर डॉक्टरों को मासिक स्टाइपेंड के रूप में 10,000 रुपये दे रही है लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में यह राशि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए निर्धारित है।
डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें प्रथम वर्ष में 9,000 से 18,000 प्रति माह, दूसरे वर्ष में 10,000 से 20,000 रुपये प्रति माह और तीसरे वर्ष में 11,000 से 22,000 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड दिया जाए। डॉक्टरों ने साफ शब्दों में कहा है कि सरकार द्वारा स्टाइपेंड में 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव उन्हें स्वीकार्य नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।