राजमहल में हुए कत्लेआम की जांच कराएगी नेपाल सरकार
काठमांडू, 28 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल सरकार राजपरिवार में आठ साल पहले हुए कत्लेआम की काली घटना की नए सिरे से जांच कराने पर शनिवार को राजी हो गई।
अत्याधिक सुरक्षा वाले नारायणहिती महल में पहली जून 2001 को हुए इस लोमहर्षक हत्याकांड में तत्कालीन नेपाल नरेश बीरेंद्र और उनके परिवार के सभी सदस्यों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस घटना में शाही खानदान के 10 लोग मारे गए थे।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी घटक दल एक पैनल बनाने पर सहमत हो गए जो इस हत्याकांड की जांच के लिए सरकार का मार्गदर्शन करेगा।
प्रधानमंत्री गिरिजाप्रसाद कोइराला की तत्कालीन सरकार द्वारा गठित जांच आयोग ने इसके हत्याकांड के लिए युवराज दीपेंद्र को दोषी ठहराया था। जांच में कहा गया था कि शराब और मादक पदार्थो के नशे में चूर दीपेंद्र ने सबसे आखिर में अपनी जान ले ली। हालांकि नेपाली हमेशा से इस रिपोर्ट पर अविश्वास करते आए हैं।
पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने इस बारे में खुद पर आरोप लगने पर उनका जोरदार शब्दों में खंडन किया था।
गुरुवार को प्रचंड ने राजमहल का राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में उद्घाटन किया और इन हत्याओं की नए सिरे जांच कराने का आदेश देने का वादा किया।
उन्होंने कहा, "मेरी सरकार इस हत्याकांड की नए सिरे जांच कराने की पहल करेगी और असली गुनाहगारों को बेनकाब करेगी। जब तक हम यह रहस्य सुलझा नहीं लेते तब तक नेपाल सही मायनों में गणतंत्र नहीं बनेगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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