मध्य प्रदेश के अस्पतालों में मनचाही पद्घति से उपचार
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं कई हिस्सों में बंटी हुई है। इसमें सरकार का सबसे ज्यादा जोर एलोपैथी पर रहा है और अब भी है। जिला स्तर से लेकर प्राथमिक स्तर तक सुविधा सम्पन्न ऐसे अस्पतालों की कमी नहीं है जहां एलोपैथी से इलाज होता है। इसी के चलते भारतीय चिकित्सा पद्घतियां पिछड़ती जा रही है। आलम यह है कि मरीजों को चाह कर भी सरकारी स्तर पर एलोपैथी के मुकाबले दूसरी पद्घति का उपचार मिल पाना आसान नहीं है।
मरीजों को एलोपैथी पद्घति से उपचार करने वाले जिला चिकित्सालयों में दूसरी पद्घति की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो इसके प्रयास जारी है। जिला चिकित्सालयों के परिसर में ही आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक अथावा यूनानी पद्घति की वैकल्पिक चिकित्सा सुविधा दिलाने पर अमल तेज हो गया है। भारतीय चिकित्सा पद्घति और होम्योपैथी चिकित्सा पद्घति के संचालक मुक्तेश वाष्र्णेय ने आईएएनएस को बताया है कि भोपाल के ज़े पी़ अस्पताल के अलावा कुछ स्थानों पर एक ही परिसर में दूसरी पद्घति की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके पीछे मकसद है कि इन प्रमुख अस्पतालों में पहुंचने वाला मरीज अगर एलोपैथी के अलावा दूसरी पद्घति से उपचार कराना चाहता है तो उसे वह विकल्प आसानी से मिल सके।
स्वास्थ्य विभाग की इस योजना के बारे में वाष्र्णेय ने बताया कि जिला चिकित्सालय में संबंधित क्षेत्र की मांग और जरूरत को ध्यान में रखकर ही वैकल्पिक चिकित्सा पद्घति उपलब्ध कराई जाएगी। आगे प्रयास रहेगा कि मरीजों को निचले स्तर तक इस तरह की वैकल्पिक चिकित्सा सुविधा मिल सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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