मारे गए आतंकवादी का बेटा भारतीय फौज में भर्ती होना चाहता है
अब 16 वर्ष के हो चुके गुलामनबी ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "मैं भारतीय फौज में शामिल होना चाहता हूं। मैं बहादुर सैनिक बनकर अपने वतन की सेवा करना चाहता हूं। मुझे अपने देश से प्यार है और मैं इसके लिए अपनी जान भी कुर्बान करने को तैयार हूं।"
सरहद नामक एनजीओ के पुणे स्थित स्कूल में पढ़ने वाले गुलामनबी का कहना है कि अब उसके अंदर बदले की भावना खत्म हो गई है। उसके पिता वर्ष 2002 में कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। गुलामनबी आतंकवाद प्रभावित कश्मीर घाटी के उन 50 अनाथ बच्चों की जमात में शामिल है जो इन दिनों सरहद द्वारा आयोजित "नो इंडिया" टूर के तहत दिल्ली आए हैं।
इन बच्चों को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी निवास में मौजमस्ती करने का भी मौका मिला। इस एनजीओ के संस्थापक संजय नाहर हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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