पढऱ् में फिसड्डी छात्र ने 'हेलमेट गन' विकसित की
वाराणसी, 27 फरवरी(आईएएनए)। आपने कभी हेलमेट से गोलियों की बौछार होते देखी है? ऐसे नजारे आपको फंतासी या साइंस फिल्मों में ही देखने को मिले होंगे। इस परिकल्पना को एक ऐसे छात्र ने हकीकत में तब्दील कर दिया है जो स्कूली पढ़ाई में फिसड्डी है। अगर वह दसवीं की परीक्षा पास करने में कामयाब रहा तो इस परियोजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसे सरकार से वित्तीय सहायता भी मिल सकती है।
वाराणसी जिले के रहने वाले श्याम चौरसिया ने यह हेलमेट गन डिजाइन किया है। इससे सभी दिशाओं में फायरिंग की जा सकेगी। 21 वर्षीय चौरसिया ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "इस हेलमेट को कई बंदूकों से लैस किया जा सकता है। ऐसा हथियार एनएसजी कमांडो के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।"
चौरसिया द्वारा विकसित हेलमेट गन पीछे की ओर भी गोलियां दाग सकती हैं। दसवीं की परीक्षा में असफल होने के कारण चौरसिया ने इस शोध को फिलहाल विराम दे दिया है। दो बार वह इस परीक्षा में फेल हो चुका है।
इस हेलमेट के शीर्ष हिस्से में 10 बंदूकें फिट की जा सकती हैं, जबकि बाएं हिस्से में एक नली की बंदूक फिट की जा सकती है। हेलमेट के आगे के हिस्से में दुनाली बंदूक फिट की जा सकती है। उसका कहना है कि अगर वैज्ञानिक इस पर आगे शोध जारी रखें तो एक ऐसा हथियार विकसित हो सकता है जिससे 60 मीटर की रेंज में एक साथ 70 गोलियां दागी जा सकेंगी।
इस हेलमेट गन से प्रभावित होकर सरकारी सहायता प्राप्त टेक्न ोप्रेनर प्रोमोशन प्रोग्राम(टेप) के अधिकारियों ने चौरसिया की मदद के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध विभाग को पत्र लिखा है। वाराणसी में टेप के संयोजक पी़ के. मिश्रा ने कहा, "अड़चन यह है कि चौरसिया दसवीं पास नहीं है। सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए उसका दसवीं पास होना जरूरी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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