चिरिया लौह अयस्क की तीन खानों का मामला अभी भी विवादाधीन
उन्होंने ने बताया कि लौह अयस्क पट्टों के नवीकरण में विलंब से चिरिया में एक यंत्रीत खान का विकास प्रभाावित हो रहा है । इसके अलावा सेल के मौजूदा विस्तार कार्य के पूरा हो जाने के बाद सेल संयंत्रों, खासतौर से बोकारो इस्पात संयंत्र और इस्को इस्पात संयंत्र की लौह अयस्क की बढ़ी ह़ुई जरूरत को चिरिया निक्षेपों तक पहुंचे बगैर पूरा करना मुश्किल होगा ।
इस्पात मंत्रालय और सेल, दोनों पिछले 3 वर्षो में झारखंड सरकार के साथ इस विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। अनेक बैठकें की गई हैं जिनमें इस्पात मंत्रालय, झारखंड सरकार और सेल के अधिकारी उपस्थित हुए हैं। केन्द्रीय इस्पात मंत्री इस मुद्दे पर झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ गत 24 सितम्बरतथा 23 अक्तू बर को बातचीत कर चुके हैं और झारखंड सरकार से लिखित अनुरोध भी किया जा चुका है फिर भी इस मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं हुआ है ।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।