बांग्लादेश में संकट समाप्त विद्रोही सैनिकों ने हथियार डाले (लीड-6)
इससे पहले बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के जवानों का विद्रोह जारी रहने के कारण सेना के टैंक बीडीआर मुख्यालय की ओर बढ़ने लगे और सेना हमले की तैयारी कर रही थी।
सरकार द्वारा समझौते की पेशकश के बावजूद विद्रोह देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और 50 मौतें हो चुकी हैं।
सेना के लोगों ने हमले के लिए स्थानों का निरीक्षण आरंभ कर दिया था और गुरुवार शाम चार बजे के बाद टैंकों ने बीडीआर मुख्यालय के चारों ओर घेरा कसना आरंभ कर दिया था।
स्टार आनलाइन के अनुसार भारी हथियारों के साथ बीडीआर मुख्यालय में घुसने की सेना की तैयारी के कारण भारी खूनखराबे की आशंका काफी बढ़ गई थी। इससे पहले सेना के जवानों ने लोगों से परिसर से सटे इलाके से हटने को कहा था।
बीडीन्यूज24 ने खबर दिया कि परिसर के मुख्य दरवाजे की ओर जाने वाली सड़क पर आठ टैंकों को आगे बढ़ते देखा गया।
विद्रोहियों से वार्ता के बाद सेना ने विद्रोह के मुख्य केंद्र बीडीआर मुख्यालय की ओर कई गोलियां चलाईं। परिसर से सटे इलाके के लोगों को हटा दिया गया था।
बुधवार को विद्रोह के आरंभ से लापता बीडीआर प्रमुख मेजर जनरल शकील अहमद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की स्थिति के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
इससे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए विद्रोहियों से बैरकों में लौटने का आग्रह करते हुए कहा,"कृपया देशहित में मुझे कोई कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य मत करिए।"
बुधवार को आरंभ हुए बीडीआर विद्रोह में अब तक करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। विद्रोहियों को आम माफी के शेख हसीना सरकार के वादे के बावजूद बीडीआर का विद्रोह देश के अन्य शिविरों में भी फैल गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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