विद्रोही बांग्लादेशी सैनिक हथियार डालने को राजी (लीड-5)
द डेली स्टार ने राज्यमंत्री जहांगीर कबीर नानक के हवाले से लिखा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीडीआर सैनिकों के लिए क्षमादान की घोषणा कर दी है।
प्रधानमंत्री ने बीडीआर सदस्यों से हथियार डाल कर बैरकों में लौटने की अपील की है।
बीडीआर सैनिकों का एक 14 सदस्यीय दल प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 'जमुना' बातचीत के लिए गया था।
नानक ने कहा कि प्रधानमंत्री शांति स्थापना के लिए बीडीआर सैनिकों के साथ पिलखाना में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगी।
इसके पहले यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) ने हसीना हवाले से कहा था कि वह विद्रोहियों की हर समस्याओं व शिकायतों को सुनने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि वे हथियार डाल दें।
शेख हसीना की सरकार को बुधवार को उस समय भयानक संकट का सामना करना पड़ा, जब बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया और राजधानी ढाका में कम से कम चार व्यक्तियों की हत्या कर दी और कई को घायल कर दिया।
हालांकि, सैनिकों ने बीडीआर के महानिदेशक मेजर जनरल शकील अहमद के मारे जाने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा है कि अहमद बीडीआर मुख्यालय में पूरी तरह सुरक्षित हैं।
बीडीआर के एक सैनिक ने एक निजी चैनल को बताया, "उनके घायल होने की बात पूरी तरह झूठी है। हमने उन्हें किसी तरह की चोट नहीं पहुंचाई है।"
सैनिक ने कहा, "बीडीआर के महानिदेशक को मुख्यालय के अंदर बंधक बना कर रखा गया है और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। हमने उन्हें तब बंधक बनाया जब हम पर हमला किया गया।"
विद्रोहियों ने कहा था कि मुख्यालय में 20,000 विद्रोही सैनिक हथियार डालने को तैयार नहीं हैं।
वे प्रधानमंत्री या फिर गृह मंत्री सहारा खातून के अलावा और किसी से बात करने को तैयार नहीं थे।
बताया गया है कि दयनीय वेतनमान और सेवाशर्ते सैनिकों के विद्रोह का कारण हैं।
एक अज्ञात सैनिक के हवाले से स्टार आनलाइन ने लिखा है, "हर कोई जानता है कि हम कितने दयनीय हालातों में रहते हैं। हमारे पास अपना कोई विभाग तक नहीं है।"
एक विद्रोही ने दावा किया कि सुबह 7.45 बजे से आरंभ हुए विद्रोह के बाद से हजारों राउंड गोलीबारी हो चुकी है और चार सैन्य अधिकारियों की मौत हो चुकी है।
कुछ अधिकारियों का मानना है कि मौतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि सैनिकों को सभी ओर गोलियां चलाते देखा गया है। सेना के हेलीकाप्टर ने भी बीडीआर परिसर में गोलीबारी की।
बांग्लादेश टेलीविजन के अनुसार तोपों और भारी हथियारों के उपयोग के कारण कुछ इमारतों को नुकसान हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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