मध्य प्रदेश में ईसाई बोर्ड बनाने की कवायद
राज्य अल्पसंख्यक आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में चर्च और उससे जुड़ी संपत्तियों के मुद्दे पर चर्चा हुई साथ ही तय किया गया कि इन पर नजर रखने के लिए वक्फ बोर्ड की तरह ही ईसाई बोर्ड बनाया जाए। इस बोर्ड के गठन के पहले सेवा निवृत्त न्यायाधीश से एक मसौदा तैयार करवा कर राज्य सरकार के पास भेजा जाए।
बैठक में बताया गया कि चर्च, कब्रिस्तान और इससे संबंधित संपत्ति की खरीद फरोक्त हो रही है। इसलिए जरूरी है कि इसकी हिफाजत के लिए बोर्ड बनाया जाए। यह बोर्ड इन संपत्तियों पर नियंत्रण रखने के साथ उसके दुरूपयोग को रोकेगा। इसके लिए समाज के प्रतिष्ठित लोगों से विचार विमर्श भी किया जाएगा।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य आनंद बर्नाड ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए स्वीकार किया है कि ईसाई बोर्ड बनाने की आयोग की ओर से कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि ईसाई समुदाय में कई ऐसे लोग भी है जो समुदाय की धरोहर के सौदे किए जा रहे हैं। यह बोर्ड इन सौदेबाजों के खिलाफ और समाज के हित में होगा।
उधर, ईसाई समाज के प्रवक्ता आनंद मतुंगल अल्पसंख्यक आयोग की कोशिश का विरोध करते है। उनका कहना है कि अगर बोर्ड बना तो समाज न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। उन्हें लगता है कि सरकार अपरोक्ष रूप से ईसाई समाज की संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है और इसीलिए बोर्ड बनाने की कोशिशें चल रही है। यह पूरी तरह समुदाय के विरोध में उठाया जाने वाला कदम है क्योंकि चर्च की संपत्ति ईसाई समुदाय की धरोहर है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।