वैश्विक संकट को दर्शाती है 'स्लमडॉग मिलियनेयर' : एनजीओ
टोरंटो, 25 फरवरी (आईएएनएस)। कनाडा के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने ऑस्कर में धूम मचाने वाली फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' की सराहना करते हुए कहा है कि यह फिल्म शहरी झोपड़पट्टी के बदहाल जीवन को दर्शाती है।
भारत में झोपड़पट्टियों के लिए काम करने वाले कनाडाई संगठन 'ऑपरेशन आईसाइट' की अध्यक्ष पैट फर्गुसन का कहना है, "यद्यपि इस फिल्म में भारत को दर्शाया गया है लेकिन इस तरह के हालात दुनिया के अधिकांश देशों में देखने को मिल सकते हैं।"
फर्गुसन ने उन लोगों की भी निंदा की जो 'स्लमडॉग मिलियनेयर' पर इस बात की आड़ में निशाना साध रहे हैं कि इसमें गरीबी को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म ने पूरी दुनिया के दर्शकों के समक्ष शहरी झोपड़पट्टियों की कड़वी सच्चाई को रखा है।
उन्होंने बताया कि इस समय विश्व में लगभग एक अरब लोग झोपड़पट्टियों में जिंदगी बसर कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो वर्ष 2030 तक पूरी दुनिया में झोपड़पट्टियों में रहने वालों की तादाद दो अरब को पार कर जाएगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।