असम में अस्तित्व में आने से पहले ही बिखर गया तीसरा मोर्चा

By Staff
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माकपा के वरिष्ठ नेता हेमेन दास ने आईएएनएस को बताया, "हम सीटों के बंटवारे की एक व्यवस्था चाहते थे और कांग्रेस व भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के खिलाफ एकजुट रहना चाहते थे, लेकिन एयूडीएफ के साथ कुछ सीटों पर हमारी सहमति नहीं बन पाई। फिलहाल एयूडीएफ के साथ हमारा समझौता विफल हो गया है और अब हमारा उसके साथ कोई रिश्ता नहीं है।"

ज्ञात हो कि एयूडीएफ, माकपा, भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इस महीने के प्रारंभ में आगामी आम चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की एक व्यवस्था सुनिश्चित करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी।

तीसरे मोर्चे का विचार तब पैदा हुआ जब क्षेत्रीय पार्टी असम गण परिषद (अगप) ने आगामी संसदीय चुनाव में भाजपा के साथ गठजोड़ करने का फैसला किया।

दरअसल, एयूडीएफ के अध्यक्ष व परफ्यूम निर्माता बदरुद्दीन अजमल ने सिलचर संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। यही घोषणा माकपा की नाराजगी का कारण बनी।

उधर माकपा नेता दास ने कहा, "हम एयूडीएफ के खिलाफ कम से कम तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। लेकिन भाकपा व राकांपा के साथ सीटों के बंटवारे का विकल्प अभी भी खुला हुआ है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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