मप्र में 'कोयले' पर सेंकी जा रही हैं राजनीति की रोटियां

By Staff
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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर सत्ता पर कब्जा जमाया है। उसे लगता है कि केन्द्र की नाकामियों को जनता के बीच लाकर आगामी लोकसभा चुनाव में भी अपनी बढ़त को बरकरार रखा जा सकता है।

वर्तमान में मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या बिजली बनी हुई है। एक तरफ बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है तो बकायादारों के कनेक्शन भी काटे जा रहे है। बिजली संकट के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्र के रवैए को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय न्याय यात्रा में जमकर केन्द्र को कोसा और कहा कि बिजली का कोटा घटाया गया है वहीं जरूरत का कोयला नहीं मिल रहा है। चौहान ने अपनी सभाओं में प्रदेष की जनता के हित को सवरेपरि बताते हुए लोकसभा चुनाव में मतदाताओं से कांग्रेस को सबक सिखाने की अपील की है।

उधर, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की न्याय यात्रा को महज राजनीतिक स्टंट करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अरविंद मालवीय कहते है कि प्रदेश सरकार बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रही है और वह अपनी नाकामी छुपाने के लिए केन्द्र पर दोषारोपण कर रही है। मालवीय का कहना है कि भाजपा की चाल को जनता समझ गई है और उसे लोकसभा चुनाव में हार का डर है, इसलिए वह बिजली समस्या का दोष केन्द्र पर मढ़ रही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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