सड़क के अभाव में गांव में नहीं आ रही है दुल्हनों की डोली
इस गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंची है इस कारण किसी भी लड़की के माता-पिता अपनी लाड़ली की शादी यहां के लड़कों से नहीं करना चाहते। यही कारण है कि करीब 1500 आबादी वाले इस गांव में 121 व्यक्ति कुंवारे हैं। कुंवारों में 25 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक के लोग शामिल हैं।
गांव के निवासी राम दयाल खरवार ने आईएएनएस को बताया कि इस गांव में सड़क नहीं होने के कारण कोई अपनी बेटी की शादी यहां नहीं करना चाहता। इस कारण यहां के लड़के कुंआरे रह जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आज की तारीख में यहां 121 कुंआरे हैं जो अपनी शादी का इंतजार कर रहे हैं। उसने बताया कि इससे त्रस्त हो ग्रामीणों ने अब खुद पहाड़ काटकर सड़क बनाने का निर्णय लिया है।
प्रखंड मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर पहाड़ियों से घिरे इस गांव में अगर कोई्र बीमार भी हो जाता है तो उसे भी डोली पर बैठाकर ही इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता है।
बड़वानखुर्द गांव निवासी रामाशीष खरवार बताते हैं कि चुनाव के दौरान सभी नेता यहां आकर सड़क बनाने का वादा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान विधायक रामचंद्र सिंह यादव ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि वे तब तक अपना विवाह नहीं करेंगे जब तक इस गांव में वे सड़क निर्माण नहीं करवा पाते। परंतु उन्होंने तो शादी कर ली परंतु आज भी इस गांव के कुंवारे सड़क के अभाव में कुंवारे ही रह गए।
खरवार ने बताया कि गांव के लोग अपने बच्चों और महिलाओं के साथ प्रतिदिन अब पहाड़ काटकर सड़क बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि छह किलोमीटर सड़क बनने के बाद ही अब यह सड़क निर्माण का कार्य बंद होगा।
इधर, भभुआ क्षेत्र के विधायक रामचंद्र सिंह यादव का कहना है कि जहां पर ये ग्रामीण सड़क बना रहे हैं वह वन विभाग की जमीन है और पहाड़ का पत्थर तोड़ना गैरकानूनी है ऐसे में उनका साथ कैसे दिया जा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि गांव में सड़क बनवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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