बिहार के गांवों में महिलाओं के इलाज की विशेष व्यवस्था
यह कदम 'बिहार ऑब्सटटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट सोसाइटी' (बॉग्स) उठाने जा रही है। बॉग्स की सदस्य प्रत्येक महीने किसी गांव को चुनकर वहां कैम्प करेंगी। चिकित्सकों का दल 'चलो गांव की ओर' कार्यक्रम के तहत महिलाओं की आम और गंभीर बीमारियों के लक्षण बताकर उन्हें अगाह करएगा कि इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
बॉग्स की सचिव डा़ रीता दयाल ने आईएएनएस को बताया कि समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी (फॉग्सी , मुंबई) के दिशा निर्देशों के तहत बॉग्स के तत्वाधान में एक लाख की आबादी वाले गांवों का चयन कर महिला चिकित्सकों का दल वहां जाएगा।
उन्होंने बताया कि रोग की गंभीरता को देखते हुए महिलाओं को अन्यत्र इलाज के लिए रेफर भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों में रियायती दर पर महिलाओं का इलाज किया जाएगा।
बॉग्स के सुरक्षित मातृत्व शाखा की अध्यक्ष डा़ शांति राय का कहना है कि गांव की महिलाएं कई गंभीर बीमारियों को नजरअंदाज कर देती हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव की महिलाओं को जागरूक करना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।