वकीलों की गिरफ्तारी को लेकर तमिलनाडु विधानसभा में हंगामा
कानून मंत्री एस.दुरई मुरुगन ने विधानसभा के अधिनियम 110 के तहत एक बयान पढ़ा। इस बयान में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए वकीलों व पुलिस कर्मियों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए इस पर बहस न कराने की बात की गई।
मुरुगन ने सदस्यों से शांति बनाने की अपील की और कहा कि शुक्रवार को पुलिस को मजबूरन लाठी चार्ज करना पड़ा था।
एआईडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, पीएमके व एमडीएमके के विधायकों को नारेबाजी करने व इस मुद्दे पर बहस के लिए दबाव बनाने के कारण सदन से बाहर कर दिया गया।
सदन में एआईडीएमके के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेलवम ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, "कानून व्यवस्था के एक गंभीर मुद्दे पर बहस से इंकार करना लोकतंत्र के इतिहास में एक शर्मनाक अध्याय है। यह घटना यह प्रदर्शित करती है कि राज्य में संविधान विफल हो चुका है।"
सचिवालय पर जुलूस निकालने के दौरान निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में 150 वकीलों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 50 अन्य को गुरुवार को हुई टकराव की घटना के लिए राज्यभर से गिरफ्तार किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।