भारतः विदेशी मुद्रा में आई गिरावट
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्यों में विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व बहुत बढ़ गया है लेकिन वैश्विक वित्तीय संकट के कारण उत्पन्न मौद्रिक असंतुलन से विभिन्न देशों के मुद्रा भंडारों में तेजी से कमी आई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक मौद्रिक असंतुलन के चलते गत पांच महीनों के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 43.2 अरब डॉलर की कमी आई है। ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) के बीच किए गए अध्ययन से पता चला है कि गत पांच महीनों में रूस ने सर्वाधिक 175 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार गंवाया है जबकि इसी अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 43.2 अरब डॉलर की कमी आई है।
चीन और ब्राजील के विदेशी मुद्रा भंडारों में क्रमश: चार और छह अरब डॉलर की कमी आई है। उल्लेखनीय है कि इन चार देशों के पास दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 41 फीसदी हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि जून 2008 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 315.6 अरब डॉलर था जो जनवरी 2009 में घटकर 248.6 अरब डॉलर हो गया।